रामचंद्र यादव भाजपा प्रत्याशी बनने पर अड़े
गुड़गांव। भारतीय जनता पार्टी हाईकमान द्वारा पिछले दिनों पूर्व सांसद डा। सुधा यादव को गुड़गांव संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद पार्टी में तूफान से पहले जैसी जो शांति दिखाई दे रही थी वह सोमवार को भंग हो गई। भाजपा के प्रदेश सहप्रभारी हरजीत सिंह ग्रेवाल द्वारा रविवार को पार्टी जिला महामंत्री (ग्रामीण) रामचंद्र यादव को कथित छह साल के निष्कासन कर देने की घोषणा पर रामचंद्र यादव ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई अधिकारिक सूचना नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रत्याशी बनने के लिए अंत तक संघर्षशील रहेंगे।
नैया पार लगाने की कवायद
अंबाला।15वींलोकसभा के लिए सभी पार्टियों ने अपनी टीमें तैयार करने का काम युद्धस्तर पर छेड़ रखा है। इसमें कांग्रेस और भाजपा का काम जमीनी स्तर पर लगभग पूरा हो चुका है। शेष हरियाणा जनहित कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी ने भी पार्टी थिंक टैंक तैयार कर लिए हैं। चुनावी अभियान में भाजपा को सबसे आगे कहा जा सकता है। भाजपा की ओर से पूर्व सांसद रतनलाल कटारिया ने सिटी, कैंट, यमुनानगर, पंचकूला आदि में पार्टी पदाधिकारियों को कमान सौंप दी है। टीम में शामिल महिला नेत्री नीता खेड़ा, बिमल प्रकाश, अजय जैन एडवोकेट, डा. संजय शर्मा, पवित्र सिंह बाजवा, रवींद्र धवन, सरदार राज सिंह, प्रदीप खेड़ा, शुभादेश मित्तल आदि ने काम आरंभ कर दिया है।
कांग्रेस ने गरीबी व भूख दी
चंडीगढ़ : आजादी के बाद 55 साल तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी ने देश को महंगाई, गरीबी, भुखमरी, भ्रष्टाचार व बेरोजगारी के अलावा कुछ नहीं किया। इनेलो राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला ने अपने छह दिवसीय जनसंपर्क अभियान के तहत आज दूसरे दिन सिरसा संसदीय क्षेत्र के गांवों में बोलते हुए कहा कि कांग्रेस के कारण देश में अलगाववादी ताकतें पनप रही हैं और आगामी लोकसभा चुनावों में देश की जनता कांग्रेस शासन से इन सभी मुद्दों पर हिसाब मांगेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अब जो घोषणाएं की हैं उनका बजट में कोई प्रावधान नहीं है इससे सिद्ध होता है कि मुख्यमंत्री झूठी घोषणाएं करके लोगों को गुमराह कर रहे है। उन्होंने कांग्रेस को महंगाई की जननी करार देते हुए कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि जब-जब कांग्रेस सत्ता में आई है महंगाई बढ़ी है और कांग्रेस पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने को उनकेहक में फैसले करती है और उन्हें करोड़ों का फायदा पहुंचाती है लेकिन उससे आम आदमी की महंगाई के कारण कमर टूट जाती है।
हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था
अंदरूनी कलह के मामले में सबसे नाजुक स्थिति कांग्रेस की है। आलम यह है कि यह पार्टी अभी तक उम्मीदवारों का ऐलान भी नहीं कर पा रही है। नेता हर सीट पर एक दूसरे से उलझे हुए हैं। उनकी अहं की लड़ाई के चलते दिल्ली के नेता भी परेशान होने लग पड़े हैं। कहीं भूपेंद्र बीरेंद्र के सामने खड़े हैं, किसी जगह पर वह किरण से दो-दो हाथ कर रहे हैं। अंबाला सीट के लिए फूल चंद मुलाना महिला नेता कुमारी शैलजा से लोहा ले रहे हैं। करनाल में अरविंद और कुलदीप की होड़ है। नेताओं के बीच की लड़ाई पार्टी में नई नहीं है। गुटबाजी व खींचतान को कांग्रेस की कल्चर माना जाता है। बरसों पुरानी रवायत अभी तक कायम है। भूपेंद्र और बीरेंद्र के बीच शुरू से छत्तीस का आंकड़ा रहा है। बीरेंद्र की रणदीप से कभी नहीं बनी। शैलजा कभी भूपेंद्र के खेमे में थी पर आज उनके विरोधी उन्हें ज्यादा भा रहे हैं। स्व। बंसी लाल से सीएम बेशक प्रभावित रहे हों, किरण से उनका तालमेल नहीं बैठा। भजन लाल जनहित बना बैठे नहीं तो कांग्रेस का हाल और ज्यादा बुरा होने वाला था। विश्लेषक कहते हैं कि टिकट फाइनल होने के बाद कांग्रेस की राजनीति में ज्यादा तूफान मचने वाला है।
(सौजन्य: दैनिक जागरण)